Top Guidelines Of sidh kunjika
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के here लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥